1. जब दिमाग स्थिर होता है परिस्थितियां चुनौती बन जाती हैं जब दिमाग कमजोर होता है परिस्थितियां समस्या बन जाती हैं ....जब दिमाग मजबूत होता है परिस्थितियां अवसर बन जाती हैं जब दिमाग को कुछ न सूझ रहा हो तब इंसान रोबोट बन जाता है 2. अपने उद्धार के लिए स्वयं कार्य करें. दूसरों पर निर्भर नहीं रहें 3. सभी गलत कार्य मन से ही उपजाते हैं, अगर मन परिवर्तित हो जाय तो क्या गलत कार्य रह सकता है 4. एक निष्ठाहीन और बुरे दोस्त से जानवरों की अपेक्षा ज्यादा भयभीत होना चाहिए ; क्यूंकि एक जंगली जानवर सिर्फ आपके शरीर को घाव दे सकता है, लेकिन एक बुरा दोस्त आपके दिमाग में घाव कर जाएगा. 5. एक हजार खोखले शब्दों से एक शब्द बेहतर है जो शांति लाता है 6. अराजकता सभी जटिल बातों में निहित है| परिश्रम के साथ प्रयास करते रहो अतीत पर ध्यान केन्द्रित मत करो, भविष्य का सपना भी मत देखो, वर्तमान क्षण पर ध्यान केंद्रित करो 7. आप को जो भी मिला है उसका अधिक मूल्यांकन न करें और न ही दूसरों से ईर्ष्या करें. वे लोग जो दूसरों से ईर्ष्या करते हैं, उन्हें मन को शांति कभी प्राप्त नहीं होती 8. चतुराई से जीने वाले लोगों को मौत से भी डरने की जरुरत नहीं है 9. हजार लड़ाई जीतने से अच्छा है अपने आप को जीतना. फिर जीत तुम्हारी है. इसे तुमसे कोई नहीं ले सकता न ही स्वर्गदूतों द्वारा न ही राक्षसों द्वारा, न ही स्वर्ग या नरक में. 10. शक की आदत से अधिक भयानक कुछ भी नहीं है. शक लोगों को अलग करती है. यह एक जहर है जो दोस्ती और अच्छे संबंध को तोड़ देता है. यह एक कांटा है जो परेशान करता है और दर्द देता है, यह एक तलवार हैं जो मार डालता है. 11. तुम्हे अपने गुस्से के लिए दंडित नहीं किया जाएगा, तुम्हे अपने गुस्से द्वारा दंडित किया जाएगा. आज दुनिया में महान बनने की चाहत तो हर एक में है, पर पहले इंसान बनना अक्सर लोग भूल जाते हैं। 1. घृणा, घृणा करने से कम नहीं होती, बल्कि प्रेम से घटती है, यही शाश्वत नियम है 12. वह व्यक्ति जो 50 लोगों को प्यार करता है, 50 दुखों से घिरा होता है, जो किसी से भी प्यार नहीं करता है उसे कोई संकट नहीं है 13. स्वास्थ्य सबसे महान उपहार है, संतोष सबसे बड़ा धन तथा विश्वसनीयता सबसे अच्छा संबंध है 14. क्रोधित रहना, किसी और पर फेंकने के इरादे से एक गर्म कोयला अपने हाथ में रखने की तरह है, जो तुम्ही को जलती है 15. आप चाहे कितने भी पवित्र शब्दों को पढ़ या बोल लें, लेकिन जब तक उनपर अमल नहीं करते उसका कोई फायदा नहीं है 16. मनुष्य का दिमाग ही सब कुछ है, जो वह सोचता है वही वह बनता है 17. जीभ एक तेज चाकू की तरह बिना खून निकाले ही मार देता है 18. सत्य के रस्ते पर कोई दो ही गलतियाँ कर सकता है, या तो वह पूरा सफ़र तय नहीं करता या सफ़र की शुरुआत ही नहीं करता 19. हजारों दियो को एक ही दिए से, बिना उसके प्रकाश को कम किये जलाया जा सकता है | ख़ुशी बांटने से ख़ुशी कभी कम नहीं होती 20. तीन चीजों को लम्बी अवधि तक छुपाया नहीं जा सकता, सूर्य, चन्द्रमा और सत्य 21. शरीर को स्वस्थ रखना हमारा कर्त्तव्य है, नहीं तो हम अपने दिमाग को मजबूत अवं स्वच्छ नहीं रख पाएंगे 22. हम आपने विचारों से ही अच्छी तरह ढलते हैं; हम वही बनते हैं जो हम सोचते हैं| जब मन पवित्र होता है तो ख़ुशी परछाई की तरह हमेशा हमारे साथ चलती है

Friday, December 5, 2014

A small article for success

1. जब आफत आये तो आफत की वजह समझने की कोशिस करो, मुश्किलें हमेशा खुद को परखने का मौका देती हैं। 

2. जब भी आपका मन शांत होगा कुछ भी करने से वो अच्छे कर्म हैं, और जिस काम को करने से आपका मन अशांत होगा या दूसरों का मन अशांत होगा वो बुरे कर्म हैं। 


3. जिस चीज पर हमारा ध्यान जिस स्तर से जाने लगता है वो चीज उसी स्तर से बड़ी होने लग जाती है या उसी स्तर से बढ़ने लग जाती है।  

अतीत पे ध्यान मत दो,
भविष्य के बारे में मत सोचो, 
अपने मन को वर्तमान क्षण पे केन्द्रित करो - लार्ड बुद्धा 

  • आस्था की शक्ति से चमत्कार होते हैं - यह शब्द इतने बेशकीमती हैं की आप इन्हे अपने दिमाग में बिठा लें।  इनके सहारे आप बड़ी से बड़ी बाधा को भी पार कर सकते हैं। इन्हे बार-बार दोहराते रहें - आस्था की शक्ति से चमत्कार होते हैं।  इन सात शब्दों में प्रबल और रचनात्मक शक्ति है।  इन्हे अपने चेतन मष्तिष्क में बिठा लीजिये।  इन्हे अपने अवचेतन मष्तिष्क में डूब जाने दीजिये और यह आपको किसी  भी कठिनाई पर विजय पाने में आपकी मदद करेंगे।  इन्हे अपने विचारों में बिठा लीजिये और इन्हे बार- बार कहिये।  इन्हे तब तक दोहराते रहिये जब तक की आपका मष्तिष्क इन्हे स्वीकार न कर ले और जब तक आप इनमे विश्वास न करने लगें - आस्था की शक्ति से चमत्कार होते हैं 
  • सफलता का सबसे प्रमुख अवरोधक क्रोध है। क्रोध मनुष्य का एक बहुत खतरनाक अवगुण है। क्रोध वह कीड़ा है जो सूक्ष्म रूप से मनुष्य के अंदर घुसता है और यदि उस कीड़े पर तुरंत नियंत्रण नहीं किया जाए तो वह विकराल रूप धारण कर लेता है और मनुष्य को विनाश के मार्ग पर धकेल देता है।
    क्रोध के बढऩे पर मनुष्य का मन, बुद्धि आदि उसके वश में नहीं रहते। क्रोध मनुष्य को असफलता, अपराध और गलत निर्णय की ओर ले जाता है। प्रख्यात वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बसु ने कहा है-''नाड़ी में आघात क्रोध से होता है। क्रोध बढ़ा तो आघात भी बढ़ा। जरा-सा क्रोध भी पीड़ा का कारण है। भय से नसें नष्ट होतीं हैं, ताप से और चिंता से झुलसती हैं। क्रोध को जीतना मृत्यु पर विजय है।ÓÓ क्रोधी मनुष्य आवेश में हत्या या आत्महत्या तक कर लेता है। उसके सोचने-समझने की शक्ति समाप्त हो जाती है। क्रोध प्राय: साधारण कारणों से उत्पन्न होता है और साधारणत: ही उसे समाप्त भी किया जा सकता है। क्रोध मनुष्य को असफलता के पास तो पहुंचाता ही है, साथ ही उन लोगों को भी आहत करता है जो उसकी क्रोधाग्नि की चपेट में आते हैं। क्रोधी व्यक्ति का मानसिक संतुलन कभी ठीक नहीं रहता। क्रोध करने वालों से लोग दूर भागने लगते हैं। उनसे बात करने में कतराने लगते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि न जाने कब वे भड़क जाएं और झगड़ा हो जाए। एक तरह से ऐसे व्यक्ति समाज से कट जाते हैं जो उनकी सफलता के लिए अत्यंत घातक होता है।
    अक्सर क्रोध पर नियंत्रण करने के लिए मु_ी भींच लेने या उल्टी गिनती करने की बात कही जाती है। क्यों क्रोध के समय में इंसान विवेक खो देता है? स्वभाव में चिड़चिडापन आ जाता है। बेसब्री में सही निर्णय लेना व उचित व्यवहार असंभव हो जाता है। इस तरह के व्यवहार से लोग खिन्न होते हैं। समस्याएं सुलझने की बजाए उलझ जाती हैं। क्रोध के समय शांत रहने और सब्र रखने में ही भलाई है। धीरे-धीरे समस्याएं सुलझने लगेंगी। एक शांत मस्तिष्क ही सही फैसले और उचित व्यवहार कर सकता है। इसी संदर्भ में किसी विद्वान ने कहा है कि अक्रोध से क्रोध को जीतें, दुष्ट को भलाई से जीतें, कृपण को दान से जीतें और झूठ बोलने वाले को सत्य से जीतें। क्रोध को वश में कर लेने पर क्रोध बढ़ता है और आवेश को आत्मबल के रूप में परिवर्तित किया जा सकता है।
  • सफलता का मंत्र यदि बाजार में बिकता तो शायद हम सभी खरीद लेते लेकिन यह बाजार में नहीं हमारे अन्दर की बुनावट में ही निहित होता है। हमारे जीवन का आग्रह किसी एक बिन्दु पर दृढ़ होता जाता है जिसे हम कई बार जुनून की संज्ञा भी देते हैं, तब ही व्यक्ति उस क्षेत्र में सफल हो पाता है। विश् में जाने कितने वैज्ञानिक, कितने चिकित्सक, कितने इंजीनियर, कितने कलाकार सफलता के झण्डे गाड़ते रहते हैं लेकिन फिर भी वे विश् पटल पर दृष्टिगोचर नहीं होते हैं। लेकिन कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जिन्हें हम, भारतीय-चौसठ कलाओं के दायरे में रखते हैं और इनमें निष्णात व्यक्ति समाज के सम्मुख सफल व्यक्ति माना जाता है। नृत्, गायन, लेखन, चित्रकारी आदि कुछ ऐसे ही विषय हैं जिनकी सफलता की कहानी सारा विश् कहता है। माइकल जेक्सन नृत् में प्रवीण हुए और उन्हें सारे विश् ने स्वीकार किया, लता मंगेशकर जैसे गायक गायन के क्षेत्र में, अमिताभ बच्चन जैसे कलाकार अभिनय के क्षेत्र में, प्रेमचन् जैसे लेखक लेखन के क्षेत्र में, सचिन तेंदुलकर जैसे खिलाड़ी खेल क्षेत्र में विश् के समक्ष स्थापित हैं। इनके संघर्ष की गाथा को पढ़कर प्रेरणा मिलती है, हमें भी आगे बढ़ने का हौसला मिलता है। अधिकांश सफल व्यक्तित्वों ने अपनी यात्रा शून् से प्रारम् की और वे अपने जुनून के कारण क्षितिज तक जा पहुँचे। लेकिन कुछ ऐसे भी व्यक्तित् होते हैं जो क्षितिज तक तो नहीं पहुँच पाते लेकिन अपने आसपास चर्चित जरूर रहते हैं। उन्हें भी समाज सफल व्यक्तित् में ही गिनता है। युवा पीढ़ी के समक्ष जब भी प्रेरणा देने की बात आती है तो इन्हीं आसपास के सफल व्यक्तित् के बारे में जानकारी दी जाती है।
    हमारे समाज में दो प्रकार के लोग हैं। एक है जो ऐसे सफल व्यक्तित्वों को प्रेरणास्रोत मानते हैं, उनका सम्मान करते हैं। दूसरे ऐसे लोग हैं जो सफल व्यक्तित् पर प्रश्नचिह्न लगाते हैं, वे हमेशा आलोचना का शिकार ही उन्हें बनाते हैं। एक टीवी का एंकर, आईपीएल क्रिकेट की एंकरिंग करने लगा, तब एक टिप्पणी आयी कि यह क्या जानता है क्रिकेट के बारे में? अब हम कितना जानते हैं उस एंकर के बारे में? उसमें कितनी प्रतिभा है? यह हम नहीं जानते, लेकिन उसकी सफलता पर प्रश्नचिह्न लगा देते हैं। आपके आसपास का कोई युवा अचानक ही सफल व्यक्ति बनकर आपके समक्ष उपस्थित होता है तब ऐसे ही नकारात्मक लोग कहते हैं कि अरे कल तक तो इसे नाक पौछना नहीं आता था और आज कैसे यहाँ तक पहुँच गया! अब उनसे पूछिए कि सभी बचपन में नाक पहुँचने की कला से अनभिज्ञ थे। ऐसे तो नहीं हो सकता कि पैदा होते ही बालक रोने के स्थान पर गायन प्रारम् कर दे! श्रीकृष् जो चौसठ कलाओं में निपुण थे, उनका बाल्यकाल भी माखन चोरी करते हुए ही व्यतीत हुआ था। आइन्सटीन को तो बुद्धू बच्चा कहा जाता था।
    ऐसे नकारात्मक लोग स्वयं का कितना नुकसान करते हैं, शायद उन्हें समझ नहीं आता। वे सारा दिन इसी दुख से जले जाते हैं कि फला व्यक्ति का समाज में कैसे नाम हो गया? वे अपने अन्दर नकारात्मकता का जहर भर लेते हैं। जहाँ कही भी बैठेंगे, ऐसे सफल लोगों के बारे में नकारात्मक चर्चा ही करेंगे। जो वाक् मैंने सुने हैं वे हैं – “रामदेव आठवी जमात पास है”, “अन्ना हजारे ड्राइवर था”, “सोनिया गांधी वेट्रेस थीआदि आदि। सफल व्यक्तित्वों के लिए उनका सबसे क्षुद्र बिन्दु समाज के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है। प्रस्तुत ही नहीं किया जाता, उसी बिन्दु को लेकर मखौल उड़ाया जाता है। वह व्यक्ति निश्चित रूप से आहत होता होगा, लेकिन उससे अधिक ऐसे नकारात्मक लोग अपने अन्दर विस्तार ले रहे जहर से रोगग्रस् होते रहते हैं। यदि हम किसी सफल व्यक्तित् के बारे में जानकर प्रसन्नता का अनुभव करते हैं, तब हमारे अन्दर सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, हम उसके गुणों एवं कृतित् को अपने अन्दर धारण करने का प्रयास करते हैं लेकिन जब हम ईर्ष्या के वशीभूत हो केवल निन्दा करने में ही लगे रहते हैं तब अपने विकास के सारे मार्ग बन् कर लेते हैं। इसलिए किसी की उपलब्धि पर प्रसन् होना सीखिए ना कि खिन्न। उसके संघर्ष की गाथा को जानने का प्रयास कीजिए तब विदित होगा कि कितने संघर्षों के बाद सफलता प्राप् हुई है। सफलता कभी भी हाथ पर हाथ धरे, बैठे रहने से नहीं प्राप् होती है, उसके लिए तो बस परिश्रम का ही मार्ग निहित है।

    दोस्तों जीवन (Life) में हमारे पास अपने लिए मात्र 3500 दिन (9 वर्ष 6 महीने) ही होते है !
    वर्ल्ड बैंक ने एक इन्सान की औसत आयु 78 वर्ष मानकर यह आकलन किया है जिसके अनुसार हमारे पास अपने लिए मात्र 9 वर्ष 6 महीने ही होते है| इस आकलन के अनुसार औसतन 29 वर्ष सोने में, 3-4 वर्ष शिक्षा में, 10-12 वर्ष रोजगार में, 9-10 वर्ष मनोरंजन में, 15-18 वर्ष­ अन्य रोजमरा के कामों में जैसे खाना पीना, यात्रा, नित्य कर्म, घर के काम इत्यादि में खर्च हो जाते है| इस तरह हमारे पास अपने सपनों (Dreams) को पूरा करने कुछ कर दिखाने के लिए मात्र 3500 दिन अथवा 84,000 घंटे ही होते है|
    संसार की सबसे मूल्यवान वस्तु समय ही हैलेकिन वर्तमान में ज्यादातर लोग निराशामय जिंदगी (Life) जी रहे है और वे इंतजार कर रहे होते है कि उनके जीवन में कोई चमत्कार होगा, जो उनकी निराशामय जिंदगी को बदल देगा| दोस्तों वह चमत्कार आज अभी से शुरू होगा और उस चमत्कार को करने वाले व्यक्ति आप ही है, क्योंकि उस चमत्कार को आप के अलावा कोई दूसरा व्यक्ति नहीं कर सकता|
    इस शुरुआत के लिए हमें अपनी सोच मान्यताओ (beliefs) को बदलना होगा, क्योंकिहमारे साथ वही होता है जो हम मानते है|Friends, वैज्ञानिकों के अनुसार भौंरे (Bumblebee) का शरीर बहुत भारी होता है, इसलिए विज्ञान के नियमो के अनुसार वह उड़ नहीं सकता| लेकिन भौंरे को इस बात का पता नहीं होता एंव वह यह मानता है की वह उड़ सकता है इसलिए वह उड़ पाता है|
    सबसे पहले हमें इस गलत धारणा (Wrong Belief) को बदलना होगा कि हमारे साथ वही होता है जो भाग्य (Bhagya) में लिखा होता है| क्योंकि ऐसा होता तो आज हम ईश्वर (God) की पूजा कर रहे होते बल्कि उन्हें बदुआएं दे रहे होते|
    दोस्तों हमारे साथ जो कुछ भी होता है उसके जिम्मेदार हम स्वंय होते है (We are responsible for What we are) इसलिए खुश रहना या ना रहना हम पर ही निर्भर (depend) करता है|
    भगवान उसी की मदद करते है जो अपनी मदद खुद करता है“God helps those who help themselves”अगर कोई व्यक्ति यह सोचता है की हमारे साथ जो कुछ भी होता है, वह हमारे हाथ में नहीं है तो वह व्यक्ति या तो इस गलत धारणा (Wrong Belief) को बदल दे या आगे इस लेख (Hindi Article) को पढे|
    जीवन के नियम :- Rules of lifeदोस्तों हम एक नयी शुरुआत करने जा रहे है और इसके लिए हमें कुछ नियमो का पालन करना होगा| ये नियम आपकी जिंदगी बदल देंगे ( Rules That can Change Your Life in Hindi) :-
    1.      आत्मविश्वास (Self Confidence) :-आत्मविश्वास से आशयस्वंय पर विश्वास एंव नियंत्रण (Believe in Yourself) से है | दोस्तों हमारे जीवन में आत्मविश्वास (Self Confidence) का होना उतना ही आवश्यक है जितना किसी फूल (Flower) में खुशबू (सुगंध) का होना, आत्मविश्वास (Self Confidence) के बगैर हमारी जिंदगी एक जिन्दा लाश के समान हो जाती है| कोई भी व्यक्ति कितना भी प्रतिभाशाली क्यों हो वह आत्मविश्वास के बिना कुछ नहीं कर सकता| आत्मविश्वास ही सफलता (Success) की नींव है, आत्मविश्वास की कमी के कारण व्यक्ति अपने द्वारा किये गए कार्य पर संदेह करता है| आत्मविश्वास (Self Confidence) उसी व्यक्ति के पास होता है जो स्वंय से संतुष्ट होता है एंव जिसके पास दृड़ निश्चय, मेहनत (Hardwork) लगन (Focused), साहस (Fearless ) , वचनबद्धता (Commitment) आदि संस्कारों की सम्पति होती है|
    आत्मविश्वास कैसे बढाएं:- How To Improve Self Confidence In – Hindi1.              स्वंय पर विश्वास रखें (Believe in Yourself), लक्ष्य बनायें (make smart goals) एंव उन्हें पूरा करने के लिए वचनबद्ध रहें| जब आप अपने द्वारा बनाये गए लक्ष्य (Goals) को पूरा करते है तो यह आपके आत्मविश्वास (Self Confidence) को कई गुना बढ़ा देता है|
    2.              खुश रहें (Be Happy), खुद को प्रेरित करें (Motivate Yourself), असफलता (Failure) से दुखी होकर उससे सीख लें क्योंकि “experience हमेशा bad experience से ही आता है
    3.              सकारात्मक सोचें (Think Positive) , विनम्र रहें एंव दिन की शुरुआत किसी अच्छे कार्य से करें (starting the day with a positive attitude)|
    4.              इस दुनिया में नामुनकिन कुछ भी नहीं है – Nothing is Impossible in this world| आत्मविश्वास का सबसे बड़ा दुशमन किसी भी कार्य को करने में असफलता होने काडर” (Fear of Failure) है एंव डर को हटाना है तो वह कार्य अवश्य करें जिसमें आपको डर लगता है| – Darr ke aage jeet hai5.              सच बोलें, ईमानदार रहें, धूम्रपान करें, प्रकृति से जुड़े, अच्छे (Good) कार्य करें , जरुरतमंद की मदद करें (Be Helpful)| क्योंकि ऐसे कार्य आपको सकारात्मक शक्ति (positive power) देते हैं वही दूसरी ओर गलत कार्य एंव बुरी आदतें (Bad Habits) हमारे आत्मविश्वास को गिरा देते हैं|
    6.              वह कार्य करें जिसमें आपकी रुचि हो एंव कोशिश करें कि अपने करियर (Career) को उसी दिशा में आगे ले जिसमें आपकी रुचि हो|
    7.              वर्तमान में जियें (Live in Present) , सकारात्मक सोचें (Think Positive), अच्छे मित्र बनायें, बच्चों से दोस्तीं करें, आत्मचिंतन करें|
    2. स्वतंत्रता (Independence):-स्वतंत्रता का अर्थ स्वतन्त्र सोच एंव आत्मनिर्भरता से हैं|
    हमारी खुशियों का सबसे बड़ा दुश्मन निर्भरता (Dependency) ही है एंव वर्तमान में खुशियाँ कम होने का कारण निर्भरता का बढ़ना ही हैसबसे बड़ा यही रोग क्या कहेंगे लोग (Sabse bada rog kya kahenge log)”:- ज्यादातर लोग कोई भी कार्य करने से पहले कई बार यह सोचते है की वह कार्य करने से लोग उनके बारे में क्या सोचेंगे या क्या कहेंगे और इसलिए वे कोई निर्णय ले ही नहीं पाते एंव सोचते ही रह जाते है एंव समय उनके हाथ से पानी की तरह निकल जाता है| ऐसे लोग बाद में पछताते हैं| इसलिए दोस्तों ज्यादा मत सोचिये जो आपको सही लगे वह कीजिये क्योंकि शायद ही कोई ऐसा कार्य होगा जो सभी लोगों को एक साथ पसंद आये|
    अपनी ख़ुशी को खुद नियंत्रण (control) कीजिये:- वर्तमान में ज्यादातर लोगों की खुशियाँ (Happiness) परिस्थितियों पर निर्भर हैं| ऐसे लोग अनुकूल परिस्थिति में खुश (Happy) एंव प्रतिकूल परिस्थियों में दुखी (Sad) हो जाते है| उदाहरण के लिए अगर किसी व्यक्ति का कोई काम बन जाता है तो वह खुश (Happy) एंव काम बनने पर वह दुखी हो जाता है| दोस्तों हर परिस्थिति में खुश रहें क्योंकि प्रयास करना हमारे हाथ में है लेकिन परिणाम अथवा परिस्थिति हमारे हाथ में नहीं है| परिस्थिति अनुकूल या प्रतिकूल कैसी भी हो सकती है लेकिन उसका response अच्छा ही होना चाहिए क्योंकि response करना हमारे हाथ में है|
    आत्मनिर्भर बनें:- दोस्तों निर्भरता ही खुशियों की दुशमन है इसलिए जहाँ तक हो सके दूसरों से अपेक्षाओं कम करें, अपना कार्य स्वंय करें एंव स्वालंबन अपनाएं दूसरों के कर्मों या विचारों से दुखी नहीं होना चाहिए क्योंकि दूसरों के विचार या हमारे नियंत्रण में नहीं है|
    अगर आप उस बातों या परिस्थियों की वजह से दुखी हो जाते है जो आपके नियंत्रण में नहीं है तो इसका परिणाम समय की बर्बादी भविष्य पछतावा है3 वर्तमान में जिएं (Live in Present):-दोस्तों हमें दिन में 70,000 से 90000 विचार (thoughts) आते है और हमारी सफलता एंव असफलता इसी विचारों की quality (गुणवता) पर निर्भर करती हैं| वैज्ञानिकों के अनुसार ज्यादातर लोगों का 70% से 90% तक समय भूतकाल, भविष्यकाल एंव व्यर्थ की बातें सोचने में चला जाता है| भूतकाल हमें अनुभव देता है एंव भविष्यकाल के लिए हमें planning (योजना) करनी होती है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं की हम अपना सारा समय इसी में खर्च कर दें| दोस्तों हमें वर्तमान में ही रहना चाहिए और इसे best बनाना चाहिए क्योंकि तो भूतकाल एंव ही भविष्यकाल पर हमारा नियंत्रण है|
    अगर खुश रहना है एंव सफल होना है तो उस बारे में सोचना बंद कर दें जिस पर हमारा नियंत्रण हो4. मेहनत एंव लगन (Hard work and Focus ):-दोस्तों किसी विद्वान् ने कहा है की कामयाबी, मेहनत से पहले केवल शब्दकोष में ही मिल सकती है| मेहनत (Hard Work) का अर्थ केवल शारीरिक काम से नहीं है, मेहनत शारीरिक मानसिक दोनों प्रकार से हो सकती है| अनुभव यह कहता है की मानसिक मेहनत, शारीरिक मेहनत से ज्यादा मूल्यवान होती है|
    कुछ लोग लक्ष्य (Target) तो बहुत बड़ा बना देते है लेकिन मेहनत नहीं करते और फिर अपने अपने लक्ष्य को बदलते रहते है| ऐसे लोग केवल योजना(planning) बनाते रह जाते है|
    मेहनत लगन से बड़े से बड़ा मुश्किल कार्य आसान हो जाता है| अगर लक्ष्य को प्राप्त करना है तो बीच में आने वाली बाधाओं को पार करना होगा, मेहनत करनी होगी, बार बार दृढ़ निश्चय से कोशिश करनी होगी|
    असफल लोगों के पास बचने का एकमात्र साधन यह होता है कि वे मुसीबत आने पर अपने लक्ष्य को बदल देते है|कुछ लोग ऐसे होते है जो मेहनत तो करते है लेकिन एक बार विफल होने पर निराश होकर कार्य को बीच में ही छोड़ देते है इसलिए मेहनत के साथ साथ लगन दृढ़ निश्चय (Commitment) का होना भी अति आवश्यक है|
    अगर कोई व्यक्ति बार बार उस कार्य को करने पर भी सफल नहीं हो पा रहा तो इसका मतलब उसका कार्य करने का तरीका गलत है एंव उसे मानसिक मेहनत करने की आवश्यकता है|5. व्यवहारकुशलता:-व्यवहारकुशल व्यक्ति जहाँ भी जाए वह वहां के वातावरण को खुशियों से भर देता है ऐसे लोगों को समाज सम्मान की दृष्टी से देखा जाता है| ऐसे लोग नम्रता मुस्कराहट (Smile) के साथ व्यवहार करते है एंव हमेशा मदद करने के लिए तैयार रहते है| शिष्टाचार ही सबसे उत्तम सुन्दरता है जिसके बिना व्यक्ति केवल स्वयं तक सीमित हो जाता है एंव समाज उसेस्वार्थीनाम का अवार्ड देता है|जब आपके मित्रों की संख्या बढने लगे तो यह समझ लीजिये कि आप ने व्यवहारकुशलता का जादू सीख लिया है|शिष्टाचारी व्यक्ति किसी भी क्षेत्र भी जाए वहा उनके मित्र बन जाते है जो उसके लिए जरुरत पड़ने पर मर मिटने के लिए तैयार रहते है|
    चरित्र  व्यवहारकुशलता की नींव है एंव चरित्रहीन व्यक्ति कभी भी शिष्टाचारी नहीं बन सकता| चरित्र, व्यक्ति की परछाई होती है एंव समाज में व्यक्ति को चहरे से नहीं बल्कि चरित्र से पहचाना जाता है| चरित्र का निर्माण नैतिक मूल्यों, संस्कारों, शिक्षा एंव आदतों से होता है|
    व्यवहारकुशल व्यक्तियों की सबसे बड़ी विशेषता यह होती है की वह हमेशा मदद के लिए तैयार रहते है|
    वर्तालाप दक्षता, व्यवहारकुशलता का महत्वपूर्ण हिस्सा है| वाणी में वह शक्ति है जो वातावरण में मिठास घोल कर उसे खुशियों से भर सकती है या उसमे चिंगारी लगा कर आग भड़का सकती है|
    “words can change the world” (शब्द संसार बदल सकते है|)सोच समझ कर बोलना, कम शब्दों में ज्यादा बात कहना, व्यर्थ की बातें करना, अच्छाई खोजना, तारीफ़ करना, दुसरे की बात को सुनना एंव महत्त्व देना, विनम्र रहना, गलतियाँ स्वीकारना इत्यादि वार्तालाप के कुछ basic नियम है|
    इन पांच नियमों में इतनी शक्ति है कि ये आपकी लाइफ बदल देंगे (change your Life) और आपके सपनों को हकीकत में बदलने की शक्ति जगाएंगे| अंत में एक ही बातजरूरतमंद की मदद कीजिये क्योंकि क्या पता कल आपको किसी की मदद की जरुरत हो